क्या हुआ जो तुमको चेहरा बदलना आ गया ...
हमको भी हालात के साचे में ढलना आ गया ...
रौशनी के वास्ते धागे को जलता देख कर ...
ली नसीहत मोम ने उसको भी पिघलना आ गया ...
शुक्रिया ए दोस्तों बेहद तुम्हारा शुक्रिया ....
सर झुका कर जो मुझे रस्ते पर चलना आ गया ....
सरफिरि आँधी का जरा सा सहारा क्या मिला ....
धूल को इंसान के सर तक उछालना आ गया ....
बिछ गए खुद ब खुद रास्ते में कितने ही गुलाब ....
जब हमे काटो पे नंगे पॉव चलना आ गया ....
चाँद को छूने की कोशिश में तो नाकामी मिली ....
हाँ मग़र नादान 'किरण,को जीना आ गया ....
पहले बचपन फिर जवानी फिर बुढ़ापे के निशा ...
उम्र को भी देखिये कपड़े बदलना आ गया ...!!
हमको भी हालात के साचे में ढलना आ गया ...
रौशनी के वास्ते धागे को जलता देख कर ...
ली नसीहत मोम ने उसको भी पिघलना आ गया ...
शुक्रिया ए दोस्तों बेहद तुम्हारा शुक्रिया ....
सर झुका कर जो मुझे रस्ते पर चलना आ गया ....
सरफिरि आँधी का जरा सा सहारा क्या मिला ....
धूल को इंसान के सर तक उछालना आ गया ....
बिछ गए खुद ब खुद रास्ते में कितने ही गुलाब ....
जब हमे काटो पे नंगे पॉव चलना आ गया ....
चाँद को छूने की कोशिश में तो नाकामी मिली ....
हाँ मग़र नादान 'किरण,को जीना आ गया ....
पहले बचपन फिर जवानी फिर बुढ़ापे के निशा ...
उम्र को भी देखिये कपड़े बदलना आ गया ...!!
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