Tuesday, October 4, 2016

रैगर समाज समाज के चतुर्मुखी विकास के लिए विभिन्न आयामो का समय - समय पर आयोजन करता है |

रैगर समाज समाज के चतुर्मुखी विकास के लिए विभिन्न आयामो का समय - समय पर आयोजन करता है |
व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार कि चुनौतियो का सामना करना पड़ता है | ये चुनौतियां हमारे लिए एक प्रकार का उपहार लेकर आती है | जीवन कि इन चुनौतियों को साहस के साथ स्वीकारने एवं उसकी बाधाओं को पार करने पर हमें सफलता रूपी उपहार मिलता है किन्तु इसके विपरीत हताशा / निराशा के कारण चुनौतियों का सामना करने से पीछे हट जाने से असफलता के कारण जीवन अंधकारमय लगने लगता है |
किसी कार्य को करने के लिए जितना अधिक संघर्ष करना पड़ता है परिणाम की सफलता उतनी ही शानदार होती है | चुनौतियां जलते हुए अंगारा होती है | सोना शुद्ध करने के लिए अग्नि में तपाया जाता है | तपने के बाद शुद्ध सोने कि प्राप्ति होती है | इसी प्रकार कठिनाइयों से तपा हुआ व्यक्ति सफलता के बाद पूर्ण व्यतित्व का आयाम लेकर समाज को सुन्दर दिशा देता है |
कार्य कि सफलता में दो मुख्य निर्धारक है - (1) अवसर कि परख (२) उपुक्त समय पर निर्णय लेना | प्रायः लोग सही अवसर पर कार्य नहीं करते हैं | अतः सफलता हाथ नहीं है | निर्णय कि क्षमता समय के साथ होने से सदैव सफलता कदम चूमती है | इसके अतिरिक्त दूरदर्शिता एवं ततउत्पन्न मति भी सफलता के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है |

आवश्यक एवं अनिवार्य रूप से स्मरणीय रहे कि सदैव प्रत्येक कार्य कि सफलता भी अनर्थकारी सिद्ध होती है | प्रत्येक कार्य कि सफलता मनुष्य को अहंकारी एवं कुपतिगामी होने के लिए प्रेरित करती है | अतः यदा - कदा सफलता के मोड़ पर पहुंचना आवश्यक है ऐसे समय में व्यक्ति आध्यात्मिक एवं ईश्वर सत्ता का बोध करता है जिसके द्वार सृजन हेतु खुलते हैं |

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